जीने की राह (1969)
बैनर : प्रसाद प्रोडक्शन
निर्माता, निर्देशक : L.V. प्रसाद
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार : आनंद बक्षी
फिल्मांकन : जितेन्द्र
सह - गायक/गायिका
गीत (HMV Label)
आने से उसके आए बहार
जाने से उसके जाए बहार
बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुँघरू कहीं पे
आके परबतों से जैसे गिरता हो झरना ज़मीं पे
झरनों की मौज है वो, मौजों की रवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
बन संवर के निकले, आए सावन का जब जब महीना
हर कोई ये समझे, होगी वो कोई चंचल हसीना
पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
इस घटा को मैं तो, उसकी आँखों का काजल कहूँगा
इस हवा को मैं तो, उसका लहराता आंचल कहूँगा
कलियों का बचपन है, फूलों की जवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातें
हम ना जाने क्या क्या, करते रहते हैं आपस में बातें
मैं थोड़ा दीवाना, थोड़ी सी दीवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
सामने मैं सबके नाम उसका नही ले सकूंगा
वो शरम के मारे रुठ जाए तो मैं क्या करुंगा
हुरों की मलिका है, परियों की रानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
(यह गीत दो हिस्सों में फिल्माया गया है दोनों हिस्से अभिनेता जीतेन्द्र पर फिल्माए गए हैं इस गीत की फिल्म के अंत में दो लाइने जीतेन्द्र और संजीव कुमार पर फिल्मायी गई हैं संजीव कुमार के लिए गायक भूपेंदर ने गायन किया है यह तीनो ही हिस्से फिल्म में मौजूद हैं)
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