Friday, 12 February 2021

वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम...आदमी और इंसान (1969)

 

    आदमी और इंसान (1969)

    बैनर : B.R.फिल्मस
    निर्माता : B.R.चोपड़ा
    निर्देशक : यश चोपड़ा
    संगीतकार : रवि
    गीतकार : साहिर लुधियानवी
    फिल्मांकन : जॉनी वॉकर
    सह - गायक/गायिका :

    गीत (Penguin (10) – SPLP 1087)

    बिना सिफारिश मिले नौकरी बिन रिश्वत हो काम

    अरे इसी को अन्होनी कहते है, इसी का कलजुग नाम......
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम-2
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम, बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    रिश्वत पर चलते थे चक्कर छोटे हो या मोटे
    बंद हुई ये रस्म तो धंदे हो जायेंगे खोटी रे
    धंदे हो जायेंगे खोते....
    घर घर में मातम होगा दफ्तर दफ्तर कोहराम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम ...
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    यही चला गर दढंग तो यारो होंगे बुरे नतीजे
    भूखे मरेंगे नेताओं के बेटे और भतीजे
    मरेंगे बेटे और भतीजे....
    जितनी इज्जत बनी थी अब तक सब होगी नीलाम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम....
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    रिश्वत से मुँह बंद थे सबके अब फूटेंगे भांडे
    अरे पता चलेगा किसके हिस्से मिले हुए थे डंडे
    कौन सा ठेका लेकर किसने कितना माल बनाया
    कितनी उजरत दी लोगो को कितना दिल दिखलाया
    कौन सी फाइल किस दफ्तर से कैसे होंगी चोरी
    किसने कितनी गद्दारी की कितनी भरी तिजोरी
    किस मिल मालिक के पैसे ने कितने वोट कमाये
    अरे कुर्सी मिली तो देश भकत ने कितने नोट कमाएं
    रिश्वत से ही छुपे हुए थे सब काले करतूत
    नंगे होकर सामने आएंगे अब सभी सबूत
    दुनिया भर के मुल्कों में होगा भारत बदनाम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम...
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम.

    ...



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