Sunday, 31 January 2021

ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें....इज़्ज़त (1968)

 

    इज़्ज़त (1968)

    बैनर : पुष्पा पिक्चर
    निर्माता : F.C.मेहरा
    निर्देशक : T.प्रकाश राव
    संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
    गीतकार : साहिर लुधियानवी
    फिल्मांकन : धर्मेंद्र, तनूजा
    सह - गायक/गायिका : लता मंगेशकर

    गीत (HMV Label- N 55774)

लता - ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें-2
तसव्वुर में कोई बसता नहींहम क्या करें
तुम्ही कह दो अब  जाने वफ़ाहम क्या करें । 
रफ़ी - लुटे दिल में दिया जलता नहींहम क्या करें
तुम्ही कह दोअब  जाने-अदाहम क्या करें । 
ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें......

लता - किसी के दिल में बस के दिल को तड़पाना नहीं अच्छा -2
निगाहों को छलकते देख के छुप जाना नहीं अच्छा
उम्मीदों के खिले गुलशन को झुलसाना नहीं अच्छा
हमें तुम बिन कोई जंचता नहींहम क्या करें
तुम्ही कह दो अब  जानेवफ़ाहम क्या करें । 
रफ़ी - लुटे दिल में दिया जलता नहींहम क्या करें........

रफ़ी - मुहब्बत कर तो लें लेकिनमुहब्बत रास आये भी-2 
दिलों को बोझ लगते हैंकभी ज़ुल्फ़ों के साये भी
हज़ारों ग़म हैं इस दुनिया मेंअपने भी पराये भी
मुहब्बत ही का ग़म तन्हा नहींहम क्या करें
तुम्ही कह दोअब  जाने-अदाहम क्या करें । 
लता - ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें....

लता - बुझा दो आग दिल की या इसे खुल कर हवा दे दो -2
रफ़ी - जो इसका मोल दे पायेउसे अपनी वफ़ा दे दो
लता - तुम्हारे दिल में क्या है बसहमें इतना पता दे दो
के अब तन्हा सफ़र कटता नहींहम क्या करें | 
रफ़ी - लुटे दिल में दिया जलता नहींहम क्या करें
लता - ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें




Thursday, 28 January 2021

यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ....वासना (1968)

    वासना (1968)

    बैनर : अनुरिता आर्ट
    निर्माता : मदन मोहला
    निर्देशक : प्रकाश राव
    संगीतकार : चित्र गुप्त
    गीतकार : साहिर लुधियानवी
    फिल्मांकन : विश्वजीत, कुमुद छुगानी
    सह - गायक/गायिका : लता मंगेशकर

    गीत (HMV Label-55592)

रफ़ी-यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ, 
ऐसे में क्यों न छेड़ दें दिलों की दास्ताँ,
लता-यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ, 
ऐसे में क्यों न छेड़ दें दिलों की दास्ताँ,
रफ़ी, लता-यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ........
...
रफ़ी-ज़रा सी ज़ुल्फ़ खोल दो फ़िज़ा में इत्र घोल दो-2
नज़र जो बात कह चुकी वो बात मुंह से बोल दो,
के झूम उठे निगाह में बहार का समां,
रफ़ी, लता-यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ......
...
लता-यह चुप भी एक सवाल है, अजीब दिल का हाल है- 2
हर एक ख्याल खो गया, बस अब यहि ख्याल है,
के फासला न कुछ रहे हमारे दरमियान,
रफ़ी, लता-यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ......
...
रफ़ी-यह रूप रंग यह फबन चमकते चाँद सा बदन-2
बुरा न मानो तुम अगर तो चूम लून किरण किरण,
के आज हौसलों में है बला की गर्मियां,
रफ़ी, लता-यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ,
ऐसे में क्यों न छेड़ दें दिलों की दास्ताँ

यह पर्बतों के दायरे यह शाम का धुआँ......


Tuesday, 26 January 2021

आवाज़ दो, आज़ाद दो हम एक हैं, हम एक हैं........

    गैर फ़िल्मी (1962)

    बैनर : बॉम्बे फिल्म उद्योग की रक्षा समिति द्वारा प्रायोजित
    संगीतकार : खय्याम
    गीतकार : जान निसार अख्तर
    फिल्मांकन : राज कुमार, राजेंदर कुमार, सुनील दत्त
    सह - गायक/गायिका :

    गीत (HMV-LP: D/ELRZ 13)

एक है अपनी ज़मीन,
एक है अपना गगन,
एक है अपना जहाँ,
एक है अपना वतन,
अपने सभी सुख एक हैं,
अपने सभी ग़म एक हैं,
आवाज़ दो, आज़ाद दो हम एक हैं,  हम एक हैं.....
...
यह वक्त खोने का नहीं,
यह वक्त सोने का नही,
जागो वतन खतरे में है,
सारा चमन खतरे में हैं,
फूलों के चेहरे ज़र्द हैं,
ज़ुल्फ़ें फ़िज़ा की गर्द हैं,
उमड़ा हुआ तूफ़ान हैं,
नर्वे में हिंदुस्तान है,
दुश्मन से नफरत फ़र्ज़ है,
घर की हिफाज़त फ़र्ज़ है,
बेदार हो बेदार आमादा ऐ पेकार हो,
आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं.....
...
यह है हिमालिया की ज़मीन,
ताज ओ अजंता की ज़मीन,
संगम हमारी आन है,
चित्तौड़ अपनी शान है,
गुलमर्ग का महका चमन,
जमना का तट वो गुलतपन,
गंगा के धारे अपने हैं,
यह सब हमारे अपने हैं,
कह दो कोई दुश्मन नज़र,
उठे न भूले से इधर,
कह दो के हम बेदार हैं,
कह दो के हम तैयार हैं,
आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं......
...
उठो जमाना ने वतन,
बांधे हुए सर से कफ़न,
उठो दकन की ओर से,
गंगो जमन की ओर से,
पंजाब के दिल से उठो,
सजलुज के साहिल से,
उठो महाराष्ट्र की ख़ाक से,
दिल्ली की अर्ज़े पाक से,
बंगाल से मद्रास से,
कश्मीर के बाग़ात से,
नेफा से राजस्थान से,
कुल ख़ाक ऐ हिंदुस्तान से,
आवाज़ दो , आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं ....

...


Sunday, 24 January 2021

आने से उसके आए बहारजाने से उसके जाए बहार .....जीने की राह (1969)

 

    जीने की राह (1969)

    बैनर : प्रसाद प्रोडक्शन
    निर्माता, निर्देशक : L.V. प्रसाद
    संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
    गीतकार : आनंद बक्षी
    फिल्मांकन : जितेन्द्र
    सह - गायक/गायिका

    गीत (HMV Label)

आने से उसके आए बहार

जाने से उसके जाए बहार


बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुँघरू कहीं पे
आके परबतों से जैसे गिरता हो झरना ज़मीं पे
झरनों की मौज है वो, मौजों की रवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
बन संवर के निकले, आए सावन का जब जब महीना
हर कोई ये समझे, होगी वो कोई चंचल हसीना
पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
इस घटा को मैं तो, उसकी आँखों का काजल कहूँगा
इस हवा को मैं तो, उसका लहराता आंचल कहूँगा
कलियों का बचपन है, फूलों की जवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातें
हम ना जाने क्या क्या, करते रहते हैं आपस में बातें
मैं थोड़ा दीवाना, थोड़ी सी दीवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
...
सामने मैं सबके नाम उसका नही ले सकूंगा
वो शरम के मारे रुठ जाए तो मैं क्या करुंगा
हुरों की मलिका है, परियों की रानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा

...

(यह गीत दो हिस्सों में फिल्माया गया है दोनों हिस्से अभिनेता जीतेन्द्र पर फिल्माए गए हैं इस गीत की फिल्म के अंत में दो लाइने जीतेन्द्र और संजीव कुमार पर फिल्मायी गई हैं संजीव कुमार के लिए गायक भूपेंदर ने गायन किया है यह तीनो ही हिस्से फिल्म में मौजूद हैं)


Saturday, 23 January 2021

मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता ....बचपन (1963)

 

बचपन (1963)

    बैनर : न्यू पंचरतन पिक्चर
    निर्माता : P.N.ईरानी
    निर्देशक : नज़ीर
    संगीतकार : सरदार मालिक
    गीतकार : हसरत जयपुरी
    फिल्मांकन : सलीम खान
    सह - गायक/गायिका 

    गीत (HMV Label- N 53989)

    मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता-2

    मगर मैं क्या करूँ बोले बिना भी रह नहीं सकता

    मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता

    ...

    मेरे ख्वाबों की शहज़ादी जहाँ तुम मुस्कुराती हो

    बहारें क्या खिज़ाओं में हज़ारों गुल खिलाती हो

    तुम्हे जिसने भी देखा है जुदाई सह नहीं सकता

    मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता...

    ...

    ज़माना लाख बादल बन के छा जाये निगाहों पर

    मोहब्बत का उजाला फैलता जायेगा राहों पर

    मोहब्बत चाँद ऐसा है कभी जो गेह नहीं सकता

    मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता

    ...



Friday, 22 January 2021

अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ....ठोकर (1974)

 

    ठोकर (1974)

    बैनर : मूवी टेम्पल
    निर्माता : स्वर्ण सिंह
    निर्देशक : दिलीप बोस
    संगीतकार : श्यामजी घनश्यामजी
    गीतकार : साजन देहलवी
    फिल्मांकन : बलदेव खोसा
    सह - गायक/ गायिका

    गीत (Odeon, HMV Label-EMOE 2396)

अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ-2

जी में आता है के जी भर के तुझे प्यार करूँ,
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ.....
...
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी है,
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी है-2
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ,
जी में आता है के जी भर के तुझे प्यार करूँ,
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ....
...
*सहमी सहमी ये निगाहें ये जवानी तौबा,
मस्त नजरों में है उल्फत की कहानी तौबा-2
आ मेरी जान-ए-तमन्ना तेरा सिंगार करूँ,
जी में आता है के जी भर के तुझे प्यार करूँ,
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ....
...
साथ छूटे ना कभी तेरा यह कसम ले लूँ,
हर खुशी दे के तुझे तेरे सनम ग़म ले लूँ-2
हाए मैं किस तरह से प्यार का इज़हार करूँ,
जी में आता है के जी भर के तुझे प्यार करूँ,

अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ....

...

(*फिल्म वर्ज़न में एक अंतरा अधिक है जोकि LP रिकॉर्ड पर नहीं हैं)



मुझे इश्क है तुझी से, मेरी जान-ए-ज़िन्दगानी...... उम्मीद (1971)

 

    उम्मीद (1971)

    बैनर : राजन फिल्म्स
    निर्माता : राजन सहाय
    निर्देशक : नितिन बोस
    संगीतकार : रवि
    गीतकार : शकील बदायुनी
    फिल्मांकन : जॉय मुखर्जी
    सह - गायक/गायिका : 

    गीत (Odeon Label-EMOE 2064)

मुझे इश्क है तुझी से, मेरी जान-ए-ज़िन्दगानी
तेरे पास मेरा दिल है, मेरे प्यार की निशानी-2
मुझे इश्क है तुझी से...
...
मेरी ज़िन्दगी में तू है, मेरे पास क्या कमी है
जिसे ग़म नहीं खिज़ा का, वो बहार तूने दी है-2
मेरे हाल पर हुई है, तेरी ख़ास महरबानी
तेरे पास मेरा दिल है, मेरे प्यार की निशानी
मुझे इश्क है तुझी से...
...
तेरे हुस्न ने दिखाई, मुझे बेखुदी की राहें
ये हसीन लब नशीले, ये झुकी झुकी निगाहें-2
तेरी ज़ुल्फ़ से उठी है, ये घटाओं की जवानी
तेरे पास मेरा दिल है, मेरे प्यार की निशानी
मुझे इश्क है तुझी से...
...
*न मुझे गम-ए-मुकद्दर, न मुझे गम-ए-ज़माना
तेरे दम से है सलामत, मेरे दिल का आशियाना-2
रहे उम्र भर जुबां पर, तेरे प्यार की कहानी
तेरे पास मेरा दिल है, मेरे प्यार की निशानी
मुझे इश्क है तुझी से....

    (*फिल्म वर्ज़न में एक अंतरा अधिक है जोकि LP रिकॉर्ड पर नहीं हैं)



Teri julfon se judaai ......Jab Pyar Kisi Se Hota Hain 1961

जब प्यार किसी से होता है   (1961) तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं माँगी थी क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी तेरी जुल्फों से जुदाई ...