नमस्ते जी (1965)
बैनर : D.M.मूवीज
निर्माता, निर्देशक : दलजीत कृष्ण
संगीतकार : G.S.कोहली
गीतकार : आनंद बक्शी
फिल्मांकन : महमूद
सह - गायक/ गायिका :
गीत (HMV Label-N 54401)
हमें क्या जो हर सू, उजाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
हमें क्या जो हर सू, उजाले हुए हैं,
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के …
...
हमारी नहीं है ये चिरागों की दुनिया
हमारी तो है दिल के दाग़ों की दुनिया-2
यही दाग़ जल-जल के छाले हुए हैं
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के … …
...
बहारों ने जाने कहां फूल बाँटे
हमारे चमन में खिले सिर्फ़ काँटे-2
ये इन्साफ़ भी क्या निराले हुए हैं
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के …
...
किसी और का दिल जो यूँ टूट जाता,
तो शायद ख़ुदा से भी वो रूठ जाता-2
हमीं हैं जो ये ग़म संभाले हुए हैं
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के.....
...
(इस गीत में एक अंतरा ज़्यादा है जो अक्सर हमें सुनने को नहीं मिलता )
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