Saturday, 13 February 2021

रेशम की डोरी होय, रेशम की डोरी....साजन (1969)

 

    साजन (1969)

    बैनर : डीलक्स फिल्म्स
    निर्माता, निर्देशक : मोहन सहगल
    संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
    गीतकार : आनंद बक्शी
    फिल्मांकन : मनोज कुमार, आशा पारेख
    सह - गायक/गायिका : लता मंगेशकर

    गीत (Angel Records – 3AEX 5252)

    रफ़ी - रेशम की डोरी होय, रेशम की डोरी....

    कहाँ जई हो निंदिया चुराके चोरी चोरी
    रेशम की डोरी होय रेशम की डोरी हो
    कहाँ जई हो निंदिया चुराके चोरी चोरी
    लता - के रेशम की डोरी हाय रेशम की डोरी
    कहाँ जाउंगी मैं तू है चंदा मैं चकोरि
    पीपल की छैंया हो पीपल की छैंया
    हो ओ ओ ओ तेरी मेरी इक जिन्द डी मेरे साइयां
    पीपल की छैंया हो पीपल की छैंया
    रफ़ी - हो ओ ओ ओ छोड़ू में ज़माना मैं न छोड़ू तेरी बाइयाँ
    पीपल की छैंया हाय पीपल की छैंया

    लता - इमली के बूटे हो इमली के बूटे कल क्यों न आये
    मैं न बोलू जाओ झुटे कल क्यों न आये
    मैं न बोलू जाओ झुटे....
    रफ़ी - बड़ा मजा आये मैं मनाऊं और तू रूठे और तू रूठे
    कोठे पे आरी है कोठे पे आरी
    तेरे नाम कर दूँ जिया ले या पटवारी
    लता - कैसा पटवारी हो कैसा पटवारी
    ए- तू मेरा मैं तेरी यह तोह जाने दुनिया सारी
    कैसा पटवारी हो कैसा पटवारी

    लता - *परबत पे झरना हो परबत पे झरना
    कोई सुन लेगा चुपके चुपके बातें करना
    कोई सुन लेगा चुपके चुपके बातें करना
    रफ़ी - प्यार किया तोह बदनामी से क्या डरना क्या डरना
    लता - कुरता मलमल का हो कुरता मलमल का
    आज तोह जाती हूँ मैं ले ले वादा कल का
    कुरता मलमल का है कुरता मलमल का
    रफ़ी - ओ ओ ओ ओ…कल का भरोसा
    क्या भरोसा नहीं पल का
    कुरता मलमल का है कुरता मलमल का

    रफ़ी - अम्बर पे तारें हाय अम्बर पे तारे
    जीने नहीं देंगे तेरे नैना कजरारे
    जीने नहीं देंगे तेरे नैना कजरारे
    लता - जीना हो जिसे वह आये क्यूँ प्रीतम के द्वारे
    प्रीतम के द्वारे.....
    रफ़ी - मिस्री की डलियाँ हाय मिस्री की डलियाँ
    प्यार में कांटे है ज़्यादा थोड़ी कालिया
    लता - मिस्री की डलियाँ हो मिस्री की डलियाँ
    हो ओ ओ काँटे हो या कालिया
    पि की गालिया पि की गलियां

    ...

    (*यह अंतरा सिर्फ साउंड ट्रैक पर उपलब्ध है, फिल्म में शामिल नहीं  गया)



Friday, 12 February 2021

वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम...आदमी और इंसान (1969)

 

    आदमी और इंसान (1969)

    बैनर : B.R.फिल्मस
    निर्माता : B.R.चोपड़ा
    निर्देशक : यश चोपड़ा
    संगीतकार : रवि
    गीतकार : साहिर लुधियानवी
    फिल्मांकन : जॉनी वॉकर
    सह - गायक/गायिका :

    गीत (Penguin (10) – SPLP 1087)

    बिना सिफारिश मिले नौकरी बिन रिश्वत हो काम

    अरे इसी को अन्होनी कहते है, इसी का कलजुग नाम......
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम-2
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम, बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    रिश्वत पर चलते थे चक्कर छोटे हो या मोटे
    बंद हुई ये रस्म तो धंदे हो जायेंगे खोटी रे
    धंदे हो जायेंगे खोते....
    घर घर में मातम होगा दफ्तर दफ्तर कोहराम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम ...
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    यही चला गर दढंग तो यारो होंगे बुरे नतीजे
    भूखे मरेंगे नेताओं के बेटे और भतीजे
    मरेंगे बेटे और भतीजे....
    जितनी इज्जत बनी थी अब तक सब होगी नीलाम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम....
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    रिश्वत से मुँह बंद थे सबके अब फूटेंगे भांडे
    अरे पता चलेगा किसके हिस्से मिले हुए थे डंडे
    कौन सा ठेका लेकर किसने कितना माल बनाया
    कितनी उजरत दी लोगो को कितना दिल दिखलाया
    कौन सी फाइल किस दफ्तर से कैसे होंगी चोरी
    किसने कितनी गद्दारी की कितनी भरी तिजोरी
    किस मिल मालिक के पैसे ने कितने वोट कमाये
    अरे कुर्सी मिली तो देश भकत ने कितने नोट कमाएं
    रिश्वत से ही छुपे हुए थे सब काले करतूत
    नंगे होकर सामने आएंगे अब सभी सबूत
    दुनिया भर के मुल्कों में होगा भारत बदनाम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम...
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    बचा ले ऐ मौला ऐ राम बचा ले ऐ मौला ऐ राम
    वतन का क्या होगा अंजाम बचा ले ऐ मौला ऐ राम.

    ...



Thursday, 11 February 2021

ए दोस्त किसी रोज़ तू पछताएगा......मेरा दोस्त (1969)

 

    मेरा दोस्त (1969)

    बैनर : माया प्रोडक्शन
    निर्माता, निर्देशक : रोशनलाल मल्होत्रा
    संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
    गीतकार : आनंद बक्शी
    फिल्मांकन : शेख मुख़्तार
    सह - गायक/गायिका : 

    गीत (HMV Label-N 5517)

    ए दोस्त किसी रोज़, तू पछताएगा-2

    जो आग से खेलगा वो जल जायेगा

    ए दोस्त किसी रोज़ तू पछताएगा-2

    ...

    मत भूल बड़ी भूल किये जाता है-2

    जो दर्द तू औरों को दिए जाता है

    वो दर्द तेरे दिल को भी तड़पाएगा

    ए दोस्त किसी रोज़ तू पछताएगा-2

    ...

    दौलत का नशा होश उड़ा देता है-2

    इंसान को दीवाना बना देता है

    यह जाम उठाया तो बहक जायेगा

    ए दोस्त किसी रोज़ तू पछताएगा-2

    ...

    रोयेगा तू तड़पेगा परेशां होगा-2

    और अपने किये पे तू पशेमा होगा

    पर हाथ गया वक़्त नहीं आएगा

    ए दोस्त किसी रोज़ तू पछताएगा-2

    ...

    देखा न वही बात हुयी सौदाई-2

    ये पाप की दौलत तेरे किस काम आयी

    तू अपनी ख़ताओं की सज़ा पाएगा

    ए दोस्त किसी रोज़ तू पछताएगा-2

    ...



Wednesday, 10 February 2021

तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं ....तमन्ना (1969)

 



    तमन्ना (1969)

    बैनर : K.S.पिक्चर
    निर्माता : अनूप शर्मा
    निर्देशक : K.P.आत्मा
    संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
    गीतकार : आनंद बक्शी
    फिल्मांकन : बिस्वजीत
    सह - गायक/गायिका : 

    गीत (ANGEL-TAE 1517)

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं

    कैसे कैसे फूल चमन में, लेकिन ऐसा कोई नहीं

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं.....

    ...

    कलियों का जोबन, परिओ का रूप

    बादल की छाओं, सूरज की धुप

    शायर की ग़ज़लें शीशे के जाम

    दिलकश बहारे रंगीन शाम

    कैसे कैसे नाम है लब पे, लेकिन ऐसा कोई नहीं

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं....

    ...

    बागो में शबनम मशहूर थी

    बादे सबा भी मगरूर थी

    जब तुझको देखा जाने बहार

    कहने लगे सब तौबा है यार

    कैसे कैसे हुस्न यहाँ है, लेकिन ऐसा कोई नहीं

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं....

    ...

    जो तुझको देखे सोचे ये बात

    ये जुल्फ है या सावन की रात

    जो तुझको देखे पूछे सवाल

    तू है हकीकत य है ख्याल

    कैसे कैसे जलवे जहा में, लेकिन ऐसा कोई नहीं

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं

    कैसे कैसे फूल चमन में, लेकिन ऐसा कोई नहीं

    तेरे जैसा कौन है, तेरे जैसा कोई नहीं.



Tuesday, 9 February 2021

चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है चिराग (1969)


    चिराग (1969)

    बैनर : सुचित्रा
    निर्माता : प्रेमजी
    निर्देशक : राज खोसला
    संगीतकार : मदन मोहन
    गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
    फिल्मांकन : सुनील दत्त
    सह - गायक/गायिका


 

Tuesday, 2 February 2021

हमें क्या जो हर सू, उजाले हुए हैं....नमस्ते जी (1965)

    नमस्ते जी (1965)

    बैनर : D.M.मूवीज
    निर्माता, निर्देशक : दलजीत कृष्ण
    संगीतकार : G.S.कोहली
    गीतकार : आनंद बक्शी
    फिल्मांकन : महमूद
    सह - गायक/ गायिका :

    गीत (HMV Label-N 54401)

हमें क्या जो हर सू....
हमें क्या जो हर सू, उजाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
हमें क्या जो हर सू, उजाले हुए हैं,
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के …
...
हमारी नहीं है ये चिरागों की दुनिया
हमारी तो है दिल के दाग़ों की दुनिया-2
यही दाग़ जल-जल के छाले हुए हैं
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के … …
...
बहारों ने जाने कहां फूल बाँटे
हमारे चमन में खिले सिर्फ़ काँटे-2
ये इन्साफ़ भी क्या निराले हुए हैं
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के …
...
किसी और का दिल जो यूँ टूट जाता,
तो शायद ख़ुदा से भी वो रूठ जाता-2
हमीं हैं जो ये ग़म संभाले हुए हैं
के हम तो अँधेरों के पाले हुए हैं-2
के हम तो अँधेरों के.....
...

    (इस गीत में एक अंतरा ज़्यादा है जो अक्सर हमें सुनने को नहीं मिलता )



Teri julfon se judaai ......Jab Pyar Kisi Se Hota Hain 1961

जब प्यार किसी से होता है   (1961) तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं माँगी थी क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी तेरी जुल्फों से जुदाई ...