Monday, 29 August 2022

Teri julfon se judaai ......Jab Pyar Kisi Se Hota Hain 1961

जब प्यार किसी से होता है  (1961)

तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं माँगी थी

क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी

तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं माँगी थी

क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी

 

मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे

मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे

प्यार मांगा था खुदाई तो नहीं माँगी थी

क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी

 

मेरा हक़ था तेरी आँखो की छलकती मई पर

मेरा हक़ था तेरी आँखो की छलकती मई पर

 

चीज़ अपनी थी पराई तो नहीं माँगी थी

क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी

 

अपने बिमार पे इतना भी सितम ठीक नहीं

अपने बिमार पे इतना भी सितम ठीक नहीं

तेरी उल्फत में बुराई तो नहीं माँगी थी

क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी

 

चाहने वालो को कभी तूने सितम भी ना दिया

चाहने वालो को कभी तूने सितम भी ना दिया

तेरी महफ़िल से रसाई तो नहीं माँगी थी

क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी.

गायक : मोहम्मद रफ़ी

संगीतकार : शंकर जयकिशन

गीतकार : हसरत जयपुरी

 

 


Sunday, 28 August 2022

Sau saal pehle ......Jab Pyar Kisi Se Hota Hai 1961

 

जब प्यार किसी से होता है  (1961)

सौ साल पहले मुझे, तुम से प्यार था - 2

आज भी है और कल भी रहेगा

 

सदियों से तुझ से मिलने जिया बेक़रार था - 2

आज भी है और कल भी रहेगा

 

सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था

आज भी है और कल भी रहेगा

 

तुम रूठा न करो मेरी जान मेरी जान निकल जाती है

तुम हँसती रहती हो तो एक बिजली सी चमक जाती है

तुम रूठा न करो मेरी जान मेरी जान निकल जाती है

तुम हँसती रहती हो तो एक बिजली सी चमक जाती है

 

मुझे जीते जी ो दिलबर तेरा इंतज़ार था - 2

आज भी है और और कल भी रहेगा

सदियों से तुझ से मिलने जिया बेक़रार था -2

आज भी है और कल भी रहेगा

 

इस दिल के तारो में मधुर झाकर तुम्ही से है

और यह हसीं जलवा यह मस्त बहार तुम्ही से है

इस दिल के तारो में मधुर झाकर तुम्ही से है

और यह हसीं जलवा यह मस्त बहार तुम्ही से है

 

दिल तो मेरा सनम तेरा तलबगार था

आज भी है और और कल भी रहेगा

 

सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था

मुझे तुम से प्यार था आज भी है और कल भी रहेगा.

गायक : मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर

संगीतकार : शंकर जयकिशन

गीतकार : हसरत जयपुरी

 

 

Bin dekhe bin pehchene........Jab pyar kisi se hota hai (1961)

 

जब प्यार किसी से होता है  (1961)

बिन देखे और बिन पहचाने तुम पर हम क़ुरबान

मोहब्बत इसको कहते हैं, मोहब्बत इसको कहते हैं

 

बिन देखे और बिन पहचाने तुम पर हम क़ुरबान

मोहब्बत इसको कहते हैं, मोहब्बत इसको कहते हैं

गर तुम पर ना मरते तो जीना था आसान

मोहब्बत इसको कहते हैं, मोहब्बत इसको कहते हैं

 

चाहत के संदेश लेकर आती है शाम

गर तुम भी आ जाते तो आ जाता आराम  - २

दिल की बस्ती बस ही जाती

मेरी हर धड़कन ये गाती

तुम आते तो मुझपर होता

कितना बड़ा एहसान

बिन देखे और बिन पहचाने ...

 

बेकल मेरे अरमां, बेकल है मेरा प्यार

कबसे मैं करता हूँ तुम्हारा इन्तज़ार  - २

कबसे मेरी बाहें सूनी जीवन की ये राहें सूनी

तुम बिन कैसे पूरे होंगे दिल में बसे अरमान

बिन देखे और बिन पहचाने ...

गायक : मोहम्मद रफ़ी

संगीतकार : शंकर जयकिशन

गीतकार : शैलेंदर

 

 

Jiya ho jiya kuch bol do......Jab Pyar Kisi So Hota Hai 1961

जब प्यार किसी से होता है  (1961)

जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो

अरे ओ, दिल का पर्दा खोल दो  - २

जब प्यार किसी से होता है

तो दर्द सा दिल में होता है

तुम एक हसीन हो लाखों में

भला पाके तुमे कोई खोता है

जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो  

 

नज़रों से कितने तीर चले

चलने दो जिगर पर झेलेंगे

इन प्यार की उजली राहों पर

हम जान की बाज़ी खेलेंगे

इन दो नैनों के सागर में

कोई दिल की नैया डुबोता है

ओ जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो

अरे ओ, दिल क पर्दा खोल दो ...

 

तुम भी तो इस आग में जल्ते हो

चेहरे से बयां हो जाता हैं

हर बात पे आहें भरते हो

हर बात पे दिल थर्राता है        

जब दिल पे छुरियां चलती हैं

तो चैन से कोई सोता है

जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो

अरे ओ, दिल का पर्दा खोल दो

गायक : मोहम्मद रफ़ी

संगीतकार : शंकर जयकिशन

गीतकार : हसरत जयपुरी

 

 


Phoolon se mukhde waali (Aaye Din Bahar Ke 1966)

 आये दिन बहार के (1966)

फूलों से मुखड़े वाली निकली है मतवाली

गुलशन की करने सैरखुदाया खैर

ले थाम ले मेरी बाहें ऊंची नीची हैं रहे

कहीं फिसल न जाए पेर खुदाया खैर 

क्या हाल बहारों का होगा क्या रंग नज़ारों का होगा

यह हुस्न अगर मुस्काया तो ,क्या इश्क़ के मारों का होगा

मतवाले नैन हैं ऐसे तालाब में यारों जैसे दो फूल रहे हों तैर

खुदाया खैर……..

हर एक अदा मस्तानी है यह अपने वक़्त की रानी है

जो पहली बार सुनी मैंने यह वो रंगीन कहानी है

मौजों की तरह चलती है, शबनम से यह जलती  हैकलियों से भी है बैर

खुदाया खैर  …..

यह होंठ नहीं अफ़साने हैं अफ़साने क्या मैख़ाने हैं

न जाने किस की किस्मत में यह प्यार भरे पैमाने हैं

इन होंठों का मस्ताना इन ज़ुल्फ़ों का दीवाना, बन जाये न कोई गैर

खुदाया खैर……

फूलों से मुखड़े वाली निकली है मतवाली

गुलशन की करने सैरखुदाया खैर

कहीं फिसल न जाए पेर खुदाया खैर

खुदाया खैर……

गायक : मोहम्मद रफ़ी

संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल

गीतकार : आनद बक्शी

Teri julfon se judaai ......Jab Pyar Kisi Se Hota Hain 1961

जब प्यार किसी से होता है   (1961) तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं माँगी थी क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी तेरी जुल्फों से जुदाई ...